तमाम भारतवासियों के लिए आज यह बेहद ही गौरवान्वित करने वाली ख़बर है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से बहुभाषावाद पर भारत के प्रस्ताव को पारित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी भाषाओं में हिंदी को शामिल कर लिया है। प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के कामकाज में हिंदी व अन्य भाषाओं को भी बढ़ावा देने का पहली बार जिक्र किया गया है। आइए जानते हैं इसके क्या मायने हैं और भारत के लिए यह कितनी बड़ी सफलता है? UNGA आधिकारिक भाषाएं : संयुक्त राष्ट्र महासभा की छह आधिकारिक भाषाएं हैं। इनमें अरबी, चीनी (मैंडरिन), अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश शामिल हैं। इसके अलावा अंग्रेजी और फ्रेंच संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की कामकामी भाषाएं हैं। लेकिन अब इनमें हिंदी को भी शामिल किया गया है। इसका साफ मतलब यह है कि संयुक्त राष्ट्र के कामकाज, उसके उद्दश्यों की जानकारी यूएन की वेबसाइट पर अब हिंदी में भी उपलब्ध होगी। यूएन का बहुभाषावाद प्रस्ताव : एक फरवरी 1946 को पहले सत्र में UNSC ने एक प्रस्ताव पास किया था। प्रस्ताव 13(1) के तहत यूएन ने कहा था, संयुक्त राष्ट्र अपने उद्देश्यों को तब तक प्राप्त नहीं कर सकता जब तक दुन
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