माँ : भूपेंद्र रावत
भटक जाऊँ अगर माँ राह से
तुम राह दिखाने तो आओगी।
दूर हो तो क्या हुआ माँ मेरा साया
बन मुझे चलना तो सिखाओगी ।
जब होगी तुम करीब मेरे माँ
हर पहाड़ जैसी मुसीबत स्वयं ही
उलटे पैर दूर हो जायेगी ।
तुम्हारी चंद दुआओं से ही माँ
मेरी ज़िंदगी सवंर जायेगी ।
माँ तुम्हारा हर मुश्किल क्षण में
भी मुस्कुराना तुम्हारी ये जिंदादिली ही
तो मुझे मेरे मुश्किल पलों में
जीना मुझे सिखाएगी ।
माँ तुम ही तो ज़िन्दगी का
असल अर्थ मुझे समझाओगी ।
तुम ही तो हो मेरी प्रेरणादायक
राह में गिरकर,सम्भलना
तुम ही तो बताओगी ।
तुम ही तो हो माँ
तमस में चाँद की रोशनी
बन पथ से अवगत कराओगी ।
- भूपेंद्र रावत
माँ इस जगत का सबसे सुंदर उपहार है
ReplyDeleteमाँ ही मेरे लिए संपूर्ण संसार है